ISBN | 9789386054883 |
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Prakashak | |
Lekhak |
Hindu Dharm Ke Mul Tatva
350.00
भगिनी निवेदिता का मूल नाम ‘मागर एलिजाबेथ नोबल’ था। उनका जन्म 28 अक्टूबर, 1867 को आयरलैंड में हुआ।वे स्वामी विवेकानंद की शिष्या बनी। भारत में आज भी जिन विदेशियों पर गर्व किया जाता है, उनमें भगिनी निवेदिता का नाम पहली पंक्ति में आता है, जिन्होंने न केवल भारत की आजादी की लड़ाई लड़नेवाले देशभक्तों की खुलेआम मदद की, बल्कि महिला शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। भगिनी निवेदिता का भारत से परिचय स्वामी विवेकानंद के जरिए हुआ। स्वामी विवेकानंद के आकर्षण व्यक्तित्व, निरहंकारी स्वभाव और भाषण शैली से वे इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने ने केवल रामकृष्ण परमहंस के इस महान् शिष्य को अपना आध्यात्मिक गुरु बना लिया, बल्कि भारत को अपनी कर्मभूमि भी बनाया। अपने गुरु की प्रेरणा से कलकत्ता में लड़कियों के लिए स्कूल खोला, जिसका उद्घाटन शारदा माँ ने किया। माँ शारदा उन्हें अपनी बेटी की तरह स्नेह दिया करती थीं।
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